ATOMIC BONDING

Atomic Bonding (परमाणु के बीच बंध)

हमारे ब्रह्माण्ड में 118 ज्ञात परमाणु है, जो कि आधुनिक periodic table में बताये गये हैं। अतः समस्त तरल, वायु अथवा ठोस वस्तु इन्ही से बनी है।
वे पदार्थ जो एक ही प्रकार के परमाणु से बने होते हैं, element कहलाते हैं. जेसे सोना(gold/Au), एल्युमीनियम(Al), copper(तांबा/Cu) आदि। जबकि बहुत सी वस्तुएं एक से अधिक परमाणुओं से मिलकर बनी होती हैं। जेसे पानी(वाटर), हाइड्रोजन(H) और ऑक्सीजन(O) से मिल कर बना होता है। इस प्रकार एक से अधिक किस्म के परमाणु से बनी वस्तुओं को compound कहते हैं। पानी की एक बूंद में या लोहे के एक कर्ण में हजारों लाख परमाणु होते हैं।
एक परमाणु के दूसरे परमाणु से जुड़ने को atomic bonding (परमाणु बंध) कहते हैं।

सभी परमाणु(atom) तीन तत्वों से बने होते हैं. ये तत्व इलेक्ट्रान, प्रोटोन, और न्यूट्रॉन होते हैं।
सबसे केंद्र में nucleus होता है, जो की प्रोटोन और न्यूट्रॉन से मिल कर बना होता है। प्रोटोन में पॉजिटिव(+) charge होता है जबकि न्यूट्रॉन में कोई charge नहीं होता है। इलेक्ट्रान नेगेटिव(-) charge युक्त होता है। इलेक्ट्रान हमेसा nucleus के चारोंओर एक कक्ष में घूमते रहते हैं। प्रत्येक परमाणु में इलेक्ट्रान और प्रोटोन की संख्या बराबर होती है, जबकि न्यूट्रॉन कम या ज्यादा भी हो सकते हैं। इलेक्ट्रान और प्रोटोन में विपरीत charge होने के कारण ही साधारण परस्थितियो में इलेक्ट्रान परमाणु को छोड़ कर नहीं जा पाते हैं और nucleus के चारोंओर प्रक्रिमा करते रहते हैं।
सबसे छोटा atom(परमाणु) hydrogen है। hydrogen के एक परमाणु में 1 इलेक्ट्रान और एक प्रोटोन होता है, जबकि न्यूट्रॉन एक भी नहीं होता है। hydrogen के परिवार में 2 और सदस्य होते हैं, ड्यूटेरियम और ट्रिटियम।
ब्रह्माण्ड में 99.985% हाइड्रोजन है जबकि ड्यूटेरियम 0.015% है और ट्रिटियम लगभग 10-15% है। ड्यूटेरियम और ट्रिटियम, hydrogen के isotopes हैं।

Isotope

कुछ atom(परमाणु) की एक से अधिक किस्में होती हैं। सभी में इलेक्ट्रान और प्रोटोन तो बराबर होते हैं पर न्यूट्रॉन की संख्या अलग-अलग होती हैं। ऐसे तत्व, मुख्य तत्व के isotopes कहलाते हैं. ऊपर hydrogen के isotopes का उदहारण दिया गया है। Hydrogen बहुताय में पाए जाने वाली गैस  है, जबकि ड्यूटेरियम और ट्रिटियम, hydrogen के isotope हैं। Hydrogen में एक भी न्यूट्रॉन नहीं है जबकि ड्यूटेरियम में 1 न्यूट्रॉन है और ट्रिटियम में 2 न्यूट्रॉन हैं।

परमाणु आपस में क्यों जुड़ते हैं?

प्राकृतिक नियम के अनुसार प्रत्येक परमाणु की पहली कक्षा में 2 इलेक्ट्रान होने चाहिए और सबसे बहार की कक्षा में 8 इलेक्ट्रान होने चाहिए। परंतु सभी प्रकार के परमाणुओं मे ऐसा नहीं होता है। सबसे पहले हम हाइड्रोजन गैस के परमाणु का उदाहरण लेते हैं जिसे संक्षिप्त में H लिखा जाता है। हाइड्रोजन के परमाणु मे केवल एक ही इलेक्ट्रॉन होता है। अतः पहली कक्षा का नियम टूटता है। जब परमाणु मे नियम के अनुसार पूरे इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं, तब इस अवस्था को ion कहते हैं और इसे H- से दर्शाते हैं। यानि की हाइड्रोजन का एक अकेला परमाणु ion की अवस्था मे हो होता है। प्रकृति के एक और नियम के अनुसार कोई भी परमाणु ion की अवस्था में साधारण परिस्थिति में विचरण नहीं कर सकता है। अतः हाइड्रोजन का एक परमाणु कोई और परमाणु खोजता है, जिसके साथ जुड़कर वह अपनी कक्षा का नियम पूरा कर सके। साधारणतः हाइड्रोजन का परमाणु दूसरे हाइड्रोजन के परमाणु के साथ बंध बनाकर नियम पूरा करता है और हाइड्रोजन गैस मे बदल जाता है। नीचे चित्र मे इसका उदाहरण दिया है।
दो हाइड्रोजन परमाणु से बने एक नये अणु को H2से दर्शाते हैं।

हाइड्रोजन गैस की तरह हम पानी(water) का उदाहरण लेते हैं।  2 हाइड्रोजन और एक ऑक्सिजन मिल कर पानी(water) का एक अणु बनाते हैं। आइये इसे चित्र के माध्यम से समझते हैं।

हाइड्रोजन में एक इलेक्ट्रॉन होता है जबकि ऑक्सिजन में 8 इलेक्ट्रॉन होते हैं, जिसमे से 2 पहली कक्षा में और 6 बाहर की कक्षा मे होते हैं। अतः ऑक्सिजन को नियम के अनुसार बाहरी कक्षा मे 2 और इलेक्ट्रॉन चाहिए, जबकि हाइड्रोजन के परमाणु को 1 इलेक्ट्रॉन चाहिए। इसलिए 2 हाइड्रोजन और 1 ऑक्सिजन आपस मे जुड़ जाते हैं और एक नये अणु का निर्माण करते हैं जिसे हम पानी(water) का कण कहते हैं। एक या अलग-अलग परमाणुओं के इस तरह जुड़ने को atomic bonding कहते हैं।
ब्रह्मांड में समस्त वस्तुएँ इसी तरह एक या एक से अधिक परमाणुओं से मिलकर  बनी होती हैं।

Bonding Type(बंध के प्रकार)

बंध तीन प्रकार के होते हैं।

Covalent bonding(सहसंयोजक बंध):- माना कि हाइड्रोजन के 2 परमाणु आपस मे मिलकर एक हाइड्रोजन गैस का अणु बनाते हैं। क्यूंकि दोनों परमाणु के पास केवल एक-एक ही इलेक्ट्रॉन हैं, इसलिए दोनों ही अपना इलेक्ट्रॉन दूसरे को नहीं दे सकते। अतः दोनों परमाणु अपने इलेक्ट्रॉन आपस मे share करते हैं जिससे दोनों की कक्षा नियम के अनुसार पूरी हो जाती है। इस तहरा के बंध को covalent bond कहते हैं। 
एक covalent bond को एक लकीर से दर्शाया जाता है।

Ionic Bond:-  माना कि किसी परमाणु के पास एक इलेक्ट्रॉन अधिक है और एक दूसरे कोई परमाणु के पास एक इलेक्ट्रॉन कम है। तब पहला परमाणु अपना एक इलेक्ट्रॉन दूसरे परमाणु को दे देता है, इस तरह दोनों के बीच बने बंध को ionic बंध कहते हैं। यहाँ दोनों परमाणुओं ने इलेक्ट्रॉन कि sharing नहीं कि है।
चित्र में सोडियम(Na) और क्लोरिन(Cl) का उदाहरण दिया है। Na में 11 इलेक्ट्रॉन होते हैं जबकि Cl मे 17 इलेक्ट्रॉन होते हैं।
नियम के अनुसार दोनों को स्थिर रहने के लिए सबसे बाहरी कक्ष मे 8 इलेक्ट्रॉन चाहिया, जबकि सोडियम(Na) के बाहरी कक्ष में केवल 1 इलेक्ट्रॉन है और क्लोरीन(Cl) के बाहरी कक्ष में 7 इलेक्ट्रॉन हैं। अगर Na एक इलेक्ट्रॉन छोड़ दे और Cl एक इलेक्ट्रॉन रख ले तो दोनों स्थिर हो सकते हैं। अतः Na अपना एक इलेक्ट्रॉन Cl को दे देता है और दाता ion(+) बन जाता है जबकि Cl ग्राही ion(-) बन जाता है। दोनों के जुड़ने पर जो नया अणु बनता है उसे सोडियम क्लोराइड (NaCl) कहते हैं। साधारण भाषा मे इसे नमक कहते हैं।
Ionic bond को तीर के निशान से दर्शाते हैं। तीर का सिरा बताता है कि Na का इलेक्ट्रॉन Cl कि ओर गया है।

हाइड्रोजन बंध (hydrogen bonding)

हम जानते हैं की हाइड्रोजन के एक परमाणु मे एक ही इलेक्ट्रॉन होता हैं, जबकि अन्य सभी पदार्थों के परमाणु में एक से अधिक इलेक्ट्रॉन होते हैं।आइए हम हाइड्रोजन और ऑक्सिजन का उदाहरण लेते हैं।

हाइड्रोजन मे केवाल एक इलेक्ट्रॉन होने के कारण बाहर का अधिकतर क्षेत्र धनात्मक(+) होता है, जबकि ऑक्सिजन के परमाणु में बाहर की कक्षा में 6 इलेक्ट्रॉन होने के कारण ऋणात्मक(-) क्षेत्र बनता है। अपनी कक्षा में इलेक्ट्रॉन की पूर्ति करने के लिए 2 हाइड्रोजन और 1 ऑक्सिजन का परमाणु मिल कर पानी(water) के एक अणु का निर्माण करते हैं।
हाइड्रोजन के धनात्मक क्षेत्र और ऑक्सिजन के ऋणात्मक क्षेत्र के कारण पानी के दो अणु एक-दूसरे से आकर्षित होते हैं। इस प्रकार के बंध में 2 अणुओं के मध्य इलेक्ट्रॉन का कोई आदान-प्रदान नहीं हुआ है, फिर भी विपरीत क्षेत्र होने के कारण आपस में जुड़े होते हैं, हाइड्रोजन बंध कहलाते हैं। पानी के असंख्य अणु इसी तरह जुड़ कर पानी का निर्माण करते हैं।

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