Resistance

What is resistance(R) (प्रतिरोध क्या होता है)?

Resistance(प्रतिरोध):- किसी भी पदार्थ में धारा(current) के विरोध करने के गुण को Resistance(प्रतिरोध) कहते हैं। इसे 'R' से व्यक्त करते हैं। Tendency of any material to oppose the flow of current is know as Resistance.

प्रतिरोध को समझने के लिए सबसे पहले एक परमाणु(atom) में 'विशिस्ट प्रतिरोध' की खोज करते हैं। आखिर एक परमाणु में प्रतिरोध कहाँ पर होता है? सभी पदार्थ तो परमाणु से ही बने होते हैं। यदि हम एक परमाणु के विशिस्ट प्रतिरोध(specific resistance) को अच्छे से समझ लें तो हमें सभी पदार्थों में अलग-अलग resistance होने का कारण भी पता चल जायेगा।

Specific Resistance(ρ)(विशिस्ट प्रतिरोध):- किसी भी परमणु में इलेक्ट्रॉन, nucleus के चक्कर लगाते रहते हैं। nucleus में positive +ve 'प्रोटोन' होने के कारण '-ve' इलेक्ट्रॉन, nucleus से दूर नहीं जा पाते हैं। असल में आप इसे इस तरह समझिये कि इलेक्ट्रॉन, nucleus को छोड़ कर भागना चाहता है पर nucleus उसे नहीं जाने देता है। कम energy वाले इलेक्ट्रॉन, nucleus के पास रहते हैं और अधिक energy वाले इलेक्ट्रॉन, nucleus से दूर रहते हैं। अंदर के orbit वाले इलेक्ट्रॉन पर nucleus की मजबूत पकड़ होती है जबकि बाहर वाले इलेक्ट्रॉन पर अपेक्षाकृत कम पकड़ होती है। जैसे हमारी धरती कि Gravity force का एक सीमित दायरा है ठीक वैसे ही Nucleus का इलेक्ट्रॉन को पकड़े रहने का एक सीमित दायरा होता है। जैसे हमारी धरती के दायरे से बाहर निकलने के बाद सभी वष्तु Free(स्वतंत्र) हो जाती हैं, ठीक उसी प्रकार, nucleus के इस दायरे(free orbit) से बाहर निकल कर इलेक्ट्रॉन भी मुक्त हो जाता है। इस दायरे से बाहर इलेक्ट्रॉन को 'free इलेक्ट्रॉन' कहते हैं और इन्ही इलेक्ट्रॉन के चलने को current(धारा) कहते हैं। सबसे बाहरी इलेक्ट्रॉन को free orbit में जाने के लिए कुछ अतिरिक्त ऊर्जा(Eg) की जरूरत होती है। यह अतिरिक्त ऊर्जा की कमी (lack of energy) ही वास्तव में विशिस्ट प्रतिरोध(SPECIFIC RESISTANCE) होता है। यदि इलेक्ट्रॉन को यह ऊर्जा मिल जाये तो इलेक्ट्रॉन अपने परमाणु को छोड़ कर मुक्त हो जाता है।
Definition:- किसी भी पदार्थ का वह गुण, जिसके कारण पदार्थ के परमाणु(atom) का इलेक्ट्रॉन, मुक्त(free) अवस्था में नहीं रह पता है, पदार्थ का विशिस्ट प्रतिरोध कहलाता है। इसे "ρ" (रो) से दर्शाते हैं। सभी पदार्थों में specific resistance "ρ" निश्चित(constant) होता है और एक पदार्थ का specific resistance, दूसरे पदार्थ के specific resistance से अलग होता है।

अलग-अलग पदार्थों में अलग-अलग विशिस्ट प्रतिरोध होने के कारण:

1)- Valency Band में इलेक्ट्रॉन की संख्या:- किसी भी परमाणु की सबसे बाहर की कक्षा(orbit) को valency band कहते हैं। जिस परमाणु के valency band में सबसे कम इलेक्ट्रॉन (केवल 1 इलेक्ट्रॉन) होंगे, उसका specific resistance (ρ) भी कम होगा। Valency band में electron की संख्या बढ़ने के साथ-साथ specific resistance (ρ) भी बढ़ता जाता है। इसे समझने के लिया एक उदाहरण लेते हैं।
माना की हमारे पास एक चुंबक है। चुंबक को एक table पर रख कर, उसके पास 10 cm  दूरी पर एक लोहे की ball रखते हैं। Ball पर चुंबकीय बल का खिंचाव महसूस होगा। चुंबक की परिधि(circumference) में 10 cm की समान दूरी पर बल हर जगह बराबर होगा।
यदि समान दूरी पर तीन ball रखी जाये तब भी सभी ball पर बराबर व उतना ही बल लगेगा जितना बल पहले केवल एक ball पर लगा। यह इसलिए होगा, क्योंकि चुंबक का बल सभी दिशाओं मे बराबर है।
 अब जैसा की चित्र 2 में दिखाया गया है, मध्य में एक की जगह 3 चुंबक रख देते हैं। तीन चुंबक रखने पर तीनों ball पर भी खिंचाव तीन गुणा बढ़ जाता है। इसका मतलब यह हुआ की यदि ball और चुंबक की मात्र बराबर बढ़ाई जाये, तब सभी balls पर attraction force, एक चुंबक और एक ball की अपेक्षा बढ़ जाता है। यही प्रक्रिया atom(परमाणु) में होती है।
 जैसा की चित्र 1 में दिखाया है, बाहर की कक्षा मे एक इलेक्ट्रॉन है। अतः उस पर, केंद्र के nucleus का बल कम है, जबकि तुलनात्मक रूप से चित्र 2 में nucleus का बाहरी electrons पर लगने वाला बल अधिक है। इसलिए कम valency वाले परमाणु की इलेक्ट्रॉन को रोकने की क्षमता कम है और उसका specific resistance (ρ) भी कम होगा। अतः valency band मे इलेक्ट्रॉन जितने अधिक होंगे, specific resistance (ρ) भी उतना अधिक होगा।
2)- Size of Atom:- माना कि दो परमाणु हैं। दोनों के सबसे बाहरी orbit में एक ही इलेक्ट्रॉन है। अतः दोनों की valency तो बराबर है। पर दोनों का size अलग-अलग है।
 यहाँ पर इलेक्ट्रॉन और nucleus के बीच की दूरी महत्वपूर्ण है। परमाणु जितना बड़ा होगा, nucleus से बाहरी इलेक्ट्रॉन की पकड़ उतनी ही कमजोर होगी। अतः बड़े परमाणु में इलेक्ट्रॉन को रोकने की क्षमता, छोटे परमाणु से कम होगी और बड़े परमाणु का specific resistance (ρ) छोटे परमाणु से कम होगा।

Resistance(R) प्रतिरोध:

ऊपर हमने पढ़ा की प्रत्येक परमाणु का एक निश्चित specific resistance (ρ) होता है। जब हम एक परमाणु की बात करते हैं, तब उसका प्रतिरोध "specific resistance (ρ)" कहलाता है, परन्तु जब किसी धातु के चालक, किसी मोटर की winding, बल्ब, प्लास्टिक या किसी भी पदार्थ के सम्पूर्ण प्रतिरोध की बात करते हैं, तब हम इसे केवल "प्रतिरोध" या "RESISTANCE" कहते हैं और इसे "R" से दिखाते हैं। Resistance का symbol 'Ω' है और इसे 'ओम' पढ़ते हैं। 
किसी भी पदार्थ का resistance लंबाई के साथ बढ़ता है और cross section area (अनुप्रस्थ काट क्षेत्र) बढ़ने के साथ घटता है। प्रकृति में हर पदार्थ में resistance (प्रतिरोध) होता है। कुछ पदार्थों में यह बहुत कम होता है। जब कि कुछ में यह बहुत अधिक होता है। जिन पदार्थों में resistance बहुत कम होता है, उनके परमाणु से इलेक्ट्रॉन आसानी से मुक्त हो जाता है और ऐसे पदार्थों को हम विधुत सप्लाइ के लिए या बिजली से चलने वाले सभी device में स्तेमाल करते हैं, जैसे लोहा तांबा, एल्युमिनियम, पीतल, चाँदी, आदि। परंतु जिन पदार्थों में resistance बहुत अधिक होता है, उनके परमाणु इलेक्ट्रॉन को आसानी से मुक्त नहीं करते, जैसे प्लास्टिक, कपड़ा, कागज, माइका, आदि।
ऊपर के अध्यन से पता चलता है कि resistance के गुण के कारण पदार्थों में electrons के flow पर असर पड़ता है। अधिक resistance का मतलब, कम current flow और कम resistance का मतलब अधिक current flow है। अतः resistance के गुण को स्तेमाल करके ऐसे electronic components बनाये जाते हैं, जिनका उपयोग, electronic circuits में वोल्टेज और धारा के मान को control करने के लिए किया जाता है। इन electronic components को RESISTOR कहते हैं।

Conductor, Semiconductor and Insulator

No comments:

Post a Comment